Quick Linksराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान का गठन संसद के अधिनीयम के अन्तगर्त भारत और अन्य क्षेत्र में क्षमता विकास के लिये एक प्रमुख संस्थान के रूप में अपनी भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ किया गया है | इस दिशा में प्रथम प्रयास सन 1995 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के गठन के साथ आरम्भ हुआ जो आगे चल कर अपने नये नाम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास के लिए विकसित हुआ | आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अभिलेखन एवं नीतिगत पैरवी के लिए नोडल एजेंसी के रूप मे जिम्मेदारी सौंपी गयी है | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण को राष्ट्रीय एजेंडा में आगे लाने के लिए राष्ट्रीय केन्द्र और राष्ट्रीय संस्थान, दोनों ही रूपों में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है | हमारा यह विश्वास है कि आपदा जोखिम में कमी तभी संभव है जब हम सभी हितधारकों को शामिल करते हुए रोकथाम की संस्कृति को बढ़ावा दें | हम विभिन्न मंत्रालयों, केंद्र, राज्य व स्थानीय सरकार के विभागों, शैक्षणिक, अनुसन्धान व तकनीकी संगठनों के साथ भारत एवं भारत के बाहर दिपक्षीय व बहुपक्षीय अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसी के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से काम करते हैं | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान को गर्व है कि उनकी पेशेवरों की अनुशासित कोर टीम आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है | प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए संस्थान के पास क्लास रूम, सेमिनार हॉल, जी.आई.एस. प्रयोगशाला और वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी सुविधायें हैं | संस्थान क्लास रूम आधारित, ऑनलाइन, स्व–अध्ययन और उपग्रह आधारित प्रशिक्षण प्रदान करता है | राज्य सरकारों के अधिकारियों को क्लास रूम आधारित प्रशिक्षण नि : शुल्क प्रदान किया जाता है जिसमे बोर्डिंग और अस्थायी आवास जैसी सुविधायें शामिल हैं | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम में कमी के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियों को क्षमता निर्माण का समर्थन प्रदान करता है। हमारा उदेश्य आपदा की रोकथाम एवं तैयारियों के लिए सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण करना है जिससे कि आपदा मुक्त भारत का निर्माण किया जा सके | | ||||
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